तहसील ठियोग की घूंड रियासत के राणा सतेंद्र चंद का रविवार सुबह हृदय गति रुकने से आकस्मिक निधन हो गया जिस कारण से घूँड रियासत के साथ साथ पूरे ठियोग क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
सुबह के समय अचानक उनको दर्द हुआ जिसके बाद परिजनों द्वारा उन्हें सिविल अस्पताल ठियोग लाया गया जहा उनको मृत घोषित किया गया। बताते चले की राणा सतेंद्र चंद घूंड रियासत के 15वे राजा थे और मई 2022 में घुंड दरबार में क्षेत्र के देवी देवताओं और हजारों लोगो की उपस्थिति में भव्य राज्याभिषेक समारोह हुआ था। राज्याभिषेक समारोह की यादें अभी ताजा ही थी और अचानक राज परिवार पर दुख का ये पहाड़ गिर गया। राणा सतेंद्र चंद के अंतिम दर्शन के लिए राजमहल में हजारों लोग एकत्र हुए । कई घंटो की कड़ी मेहनत के बाद शेर मुखो वाली भव्य अर्थी का निर्माण स्थानीय राज बड़ई द्वारा किया गया और शाम के समय अंतिम यात्रा शमशान घाट की ओर रवाना हुई।
प्राचीन परम्पराओं के अनुसार जब किसी राजा की मृत्यु होती है तो उनको मुखाग्नि देने और अंतिम संस्कार की रस्मो को पूरा करने के लिए राजपरिवार के टीका का राणा के रूप में राज्याभिषेक किया जाता है उसके बाद ही अंतिम संस्कार की रस्मो को पूरा किया जाता है। राणा सतेंद्र चंद के पुत्र अनिरुद्ध चंद का अंतिम यात्रा से पहले परंपरानुसार राज पुरोहितों द्वारा राज्याभिषेक किया गया और घूंड रियासत का 16वा राणा घोषित किया गया। उसके बाद अंतिम संस्कार की रस्मो को निभाया गया।
वही घूंड रियासत में 11 दिनों तक राजकीय शोक रहेगा दैविक कार्य और मांगलिक कार्य राजा के निधन के शोक के कारण नहीं होंगे।