चंडीगढ़-26 अप्रैल
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का 95 साल की उम्र में मंगलवार को निधन हो गया। शुक्रवार सुबह तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें मोहाली के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। वे 5 बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। बता दें कि जून 2022 में भी सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। कुछ समय बाद अस्पताल से उनकी छुट्टी हो गई थी। सितंबर 2022 में फिर सेहत बिगड़ने के बाद उन्हें PGI चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया थाबादल 2022 में पंजाब विधानसभा का चुनाव हार गए थे। यह उनके राजनीतिक करियर की पहली हार थी। अधिक उम्र के कारण वे चुनाव लड़ना नहीं चाहते थे, लेकिन बेटे सुखबीर बादल के कहने और पंजाब में अकाली दल की दयनीय स्थिति को देखते हुए प्रकाश सिंह बादल चुनावी मैदान में उतरे थे।
प्रकाश सिंह बादल ने साल 1947 में राजनीति शुरू की थी। उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। तब वे सबसे कम उम्र के सरपंच बने थे। 1957 में उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। 1969 में उन्होंने दोबारा जीत हासिल की। 1969-70 तक वे पंचायत राज, पशु पालन, डेयरी आदि मंत्रालयों के मंत्री रहे। इसके अलावा वे 1970-71, 1977-80, 1997-2002 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने। वे 1972, 1980 और 2002 में विरोधी दल के नेता भी बने। मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री रहते वे सांसद भी चुने गए। 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद वे सबसे अधिक उम्र के उम्मीदवार भी बने।
उनके निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई दिग्गज राजनेताओं ने बादल के निधन पर दुख जताया।पीएम मोदी ने कहा कि प्रकाश सिंह बादल के निधन से अत्यंत दु:ख हुआ। वह भारतीय राजनीति की एक महान हस्ती थे। वे एक उल्लेखनीय राजनेता थे, जिन्होंने हमारे देश के लिए बहुत योगदान दिया। उन्होंने पंजाब की प्रगति के लिए अथक परिश्रम किया और कठिन समय में राज्य को सहारा दिया।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी प्रकाश सिंह बादल के निधन पर दुख जताया। राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि प्रकाश सिंह बादल एक राजनीतिक दिग्गज थे, जिन्होंने कई दशकों तक पंजाब की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपने लंबे राजनीतिक और प्रशासनिक जीवन में उन्होंने किसानों और हमारे समाज के अन्य कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए कई उल्लेखनीय काम किए। बादल साहब माटी के लाल थे, जो जीवन भर अपनी जड़ों से जुड़े रहे। मुझे कई मुद्दों पर उनके साथ अपनी बातचीत याद है। उनके निधन से मुझे गहरा दुख पहुंचा है। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। उनके शोक संतप्त परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।