शिमला-27 मईः
भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री पं0 जवाहरलाल नेहरू की पूण्यतिथि पर आज हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन शिमला में सभा का आयोजन किया गया और पं0 नेहरु के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्वाजंलि अर्पित की गई। इस अवसर पर बड़ी संख्यां में कांग्रेसजन शामिल हुए।
इस अवसर पर उपस्थित वक्ताओं ने पं0 नेहरु के जीवन पर प्रकाश् डालते हुए कहा कि पं0 जवाहरलाल नेहरू स्वतन्त्रता के पूर्व और पश्चात् की भारतीय राजनीति में केन्द्रीय व्यक्तित्व थे। महात्मा गांधी के संरक्षण में वे भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के सर्वोच्च नेता के रूप में उभरे और उन्होंने 1947 में भारत के एक स्वतन्त्र राष्ट्र के रूप में स्थापना से लेकर 1964 तक अपने निधन तक, भारत का शासन किया।
स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री के रूप में वे भारत के सपने को साकार करने के लिए चल पड़, जिसके बाद उन्होंने आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सुधारों के एक महत्त्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की। नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय चुनावों में प्रभुत्व दिखाते हुए लगातार चुनाव जीतती गई।
जवाहरलाल नेहरू जी को चाचा नेहरू के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने बहुत से ऐसे कार्य किये जिनकी वजह से ये हमेशा के लिए अमर हो गए है। इन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में बहुत बड़ी भूमिका भी निभाई।
जवाहरलाल नेहरू ने भारत के पुनर्गठन के रास्ते में उभरी हर चुनौती का समझदारी पूर्वक सामना किया। जवाहरलाल नेहरू ने आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की । उन्होंने योजना आयोग का गठन किया, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को प्रोत्साहित किया और तीन लगातार पंचवर्षीय योजनाओं का शुभारंभ किया। उनकी नीतियों के कारण देश में कृषि और उद्योग का एक नया युग शुरु हुआ। नेहरू ने भारत की विदेश नीति के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभायी। 27 मई 1964 को जवाहरलाल नेहरू मृत्यु हो गयी।