श्री नैना देवी मंदिर में झंडे चढ़ाने पर लगी रोक, बीडीसी अध्यक्ष किरण शर्मा बोली लोगो की आस्था को पहुंची ठेस

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बीडीसी की अध्यक्ष स्वारघाट उप मंडल किरण शर्मा ने मन्दिर न्यास श्री नैना देवी जी की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाए हैं

 

उनका कहना है कि मंदिर न्यास के द्वारा माता के दरबार में चढ़ने वाले झंडो पर रोक लगा दी गई है

श्री नैना देवी

किरण शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि वह माता का झंडा लेकर मां के दरबार में चढ़ाने जा रही थी लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने मुख्य द्वार के पास रोक लिया और कहा कि आप झंडा अंदर नहीं ले जा सकती इससे उनकी भावना को काफी ठेस पहुंची

 

उन्होंने कहा कि प्राचीन समय से ही माता जी के दरबार में श्रद्धालु झंडा माता जी के मंदिर के अंदर चढ़ाते हैं

 

लेकिन कुछ दिनों से प्रशासनिक आदेशों के चलते श्रद्धालुओं के झंडों को मंदिर से बाहर ही रख लिया जाता है

 

किरण शर्मा ने कहा कि इससे श्रद्धालुओं की आस्था को भारी ठेस पहुंच रही है

 

उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी माता का झंडा लेकर आती है और उसे माता के दरबार में चढ़ाना होता है लेकिन इस बार वह झंडा बाहर ही रोक दिया गया

 

उन्होंने कहा कि श्रद्धालु दूर-दूर से माता के दरबार में आस्था और विश्वास लेकर आते हैं उनकी मन्नत होती है कि वह झंडा माता के दरबार में माता के मंदिर के अंदर चदाए

 

लेकिन प्रशासनिक आदेशों के चलते श्रद्धालु ऐसा नहीं का ऐसा नहीं कर रहे करने दिया जा रहा उनके झंडे बाहर ही मंदिर के मुख्य द्वार के पास ले लिए जा रहे हैं

 

किरण शर्मा ने कहा कि वह इस संदर्भ में जिलाधीश बिलासपुर आबिद हुसैन से मांग करती है कि तुरंत इस पर रोक लगाई जाए और माताजी के झंडे माता के दरबार में ही चढ़ाने चाहिए

 

उन्होंने कहा कि कभी पहले ऐसा नहीं हुआ लेकिन इस बार इस प्रकार के आदेश देकर श्रद्धालुओं के साथ-साथ उन्हें भी काफी ठेस पहुंची है

 

उन्होंने कहा कि इस फैसले से स्थानीय दुकानदारों को भी काफी हानि का सामना करना पड़ रहा है

 

उन्होंने कहा कि मंदिर न्यास को और श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु विकास कार्यों की तरफ ध्यान देना चाहिए साफ सफाई की उचित व्यवस्था होनी चाहिए पीने का पानी स्वच्छ नहीं है कुछ दिनों में श्रावण मेला शुरू हो रहा है

 

इसके अलावा मंदिर के आसपास सुव्यवस्था कायम होनी चाहिए इस पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए बल्कि इस प्रकार के आधारहीन फैसले लेकर श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए।

 

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