7 लाख रुपये तक की आय वाले व्‍यक्तियों को कोई आयकर नहीं देना होगा

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व्‍यक्तिगत आयकर

व्‍यक्तिगत आयकर के संबंध में पांच प्रमुख घोषणाएं की गई हैं। नई कर व्‍यवस्‍था में छूट सीमा बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई है जिसका मतलब यही है कि नई कर व्‍यवस्‍था में 7 लाख रुपये तक की आय वाले व्‍यक्तियों को कोई आयकर नहीं देना होगा। नई व्‍यक्तिगत आयकर व्‍यवस्‍था में कर ढांचे को परिवर्तित कर दिया गया है जिसके तहत स्‍लैबों की संख्‍या को घटाकर अब 5 स्‍लैब कर दिए गए हैं और कर छूट सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है। इससे नई कर व्‍यवस्‍था में सभी करदाताओं को व्‍यापक राहत मिलेगी।

 

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नई कर व्‍यवस्‍था में मानक कटौती का लाभ वेतनभोगी वर्ग और पेंशनभोगियों को दिया गया है जिनमें पारिवारिक पेंशनभोगी भी शामिल हैं। प्रस्ताव के अनुसार वेतनभोगी व्‍यक्ति को 50,000 रुपये की मानक कटौती दी जाएगी और पेंशनभोगी को 15,000 रुपये की मानक कटौती दी जाएगी। अत: 15.5 लाख रुपये या उससे अधिक की आय वाले प्रत्‍येक वेतनभोगी व्‍यक्ति को उपर्युक्‍त प्रस्‍तावों से 52,500 रुपये का लाभ मिलेगा।

नई कर व्‍यवस्‍था में 2 करोड़ रुपये से अधिक की आय वाले व्‍यक्तियों के लिए व्‍यक्तिगत आयकर में उच्‍चतम अधिभार दर को 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके परिणामस्‍वरूप व्‍यक्तिगत आयकर की उच्‍चतम कर दर घटकर 39 प्रतिशत रह जाएगी जो कि पहले 42.74 प्रतिशत थी।

गैर-सरकारी वेतनभोगी कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने पर अवकाश नकदीकरण पर कर छूट सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है।

 

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नई आयकर व्‍यवस्‍था ही अब डिफॉल्‍ट कर व्‍यवस्‍था हो गई है। हालांकि, देश के नागरिकों के पास पुरानी कर व्‍यवस्‍था का लाभ लेने का विकल्‍प भी उपलब्‍ध रहेगा।

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